Zero Budget Natural Farming 2024 :- शून्य बजट प्राकृतिक खेती देशी गायों द्वारा उत्पादित गौ-उत्पादों (गोमूत्र, गोबर) पर आधारित प्राकृतिक खेती है। सभी कृषि आदान किसान अपने खेत से ही तैयार करते हैं, कोई भी आदान बाजार से नहीं खरीदा जाता। इसलिए उसे सीधे तौर पर कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता है. जिसके कारण इसे शून्य बजट आधारित खेती कहा जाता है। वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और सिंचाई के अंधाधुंध प्रयोग को कम करना है। कृषि की लागत कम करना, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना और प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना। बीजों के उपचार के लिए बीजामृत तथा पोषण के लिए द्रवजीवामृत तथा घनजीवामृत आदि का उपयोग।
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कीड़ों की रोकथाम के लिए नीमास्त्र, ब्रह्रास्त्र एवं एग्नेस्ट्रा का प्रयोग करें। शून्य बजट प्राकृतिक खेती देशी गायों द्वारा उत्पादित गौ-उत्पादों (गोमूत्र, गोबर) पर आधारित प्राकृतिक खेती है। सभी कृषि आदान किसान अपने खेत से ही तैयार करते हैं, कोई भी आदान बाजार से नहीं खरीदा जाता। इसलिए उसे सीधे तौर पर कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता है I जिसके कारण इसे शून्य बजट आधारित खेती कहा जाता है।शून्य बजट प्राकृतिक खेती (जेडबीएनएफ) एक प्रकार की खेती है जिसमें रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है Iऔर पौधों को उगाने और काटने में कोई लागत नहीं आती है (इस बात को ध्यान में रखते हुए कि किसानों द्वारा की गई लागत अंतर-फसल के माध्यम से वसूल की जाती है)।
ZBNF मिट्टी पर रासायनिक या जैविक उर्वरकों का उपयोग नहीं करता है। वास्तव में, कोई अतिरिक्त पोषक तत्व मिट्टी में नहीं डाला जाता है या पौधों को नहीं दिया जाता है। प्राकृतिक विधि से खेती करने पर खेत में गहरी जुताई की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि मिट्टी में कचरे और कीड़ों की संभावना कम हो जाती है I इस विधि का प्रयोग करने सिंचाई के लिये पानी की खपत कम हो जाती है, सिर्फ 10% पानी की ही जरूरत होती है
Zero Budget Farming क्या है?
शून्य बजट प्राकृतिक खेती देशी गायों द्वारा उत्पादित गौ-उत्पादों (गोमूत्र, गोबर) पर आधारित प्राकृतिक खेती है। सभी कृषि आदान किसान अपने खेत से ही तैयार करते हैं, कोई भी आदान बाजार से नहीं खरीदा जाता। इसलिए उसे सीधे तौर पर कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता है. जिसके कारण इसे शून्य बजट आधारित खेती कहा जाता है। वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और सिंचाई के अंधाधुंध प्रयोग को कम करना है। कृषि की लागत कम करना, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना और प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना। बीजों के उपचार के लिए बीजामृत तथा पोषण के लिए द्रवजीवामृत तथा घनजीवामृत आदि का उपयोग।
शून्य बजट कृषि के लिए देसी गायों द्वारा उत्पादित गोबर पर आधारित यह है कृषि है जिसके अंतर्गत सभी कृषि अनुदान किसान अपने खेत को तैयार कर सकते हैं तथा बाजार से नहीं खरीद सकते जिससे कि उन्हें सीधे तौर पर कुछ भी कर्ज नहीं देना पड़ता है जिसके कारण इसे सुनने बजट आधारित खेती कहा जाता है यह फसल तथा अन्य पशुओं के लिए लाभदायक होती है इसके अंतर्गत किसी प्रकार के कोई कीटनाशक उर्वरक इनका उपयोग नहीं किया जाता जिससे इसमें अतीत गुणवत्ता में सुधार किया जा जमीन का उत्पादन बढ़ता है इसलिए इसको चालू किया गया I
Zero Budget Natural Farming 2024 | Highlight
योजना का नाम | शून्य बजट प्राकृतिक खेती |
विभाग का नाम | कृषि विभाग |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
राज्य | राजस्थान |
उद्देश्य | भूमि की उर्वरता शक्ति बढ़ाना |
Official Website | Click Here |
Objective of Zero Budget Natural Farming | प्राकृतिक खेती का उद्देश्य
- पर्यावरण-संरक्षित एवं जलवायु-सहिष्णु प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना ताकि भूमि की उर्वरता शक्ति को बढ़ाया जा सके।
- कम सिंचाई, टिकाऊ एवं एकीकृत जैविक तरीकों से खेती की लागत कम करना ताकि किसानों को प्रति इकाई क्षेत्र से अधिक आय प्राप्त हो सके।
- मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए रसायन मुक्त और पौष्टिक भोजन का उत्पादन।
- जैव विविधता एवं पर्यावरण की रक्षा करना।
- किसानों को उत्पादन के लिए सशक्त बनाना जिससे कि अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके I8
- प्राकृतिक खेती से मानव के स्वास्थ्य और पौष्टिक भोजन में अधिक उत्पादकता मिलती है इसके उद्देश्य से इसको अधिक से अधिक महत्व दिया जाता है I
- इसकी एमपी के अंतर्गत उर्वरकता शक्ति को बढ़ाया जा सकता है जिससे कि जैविक तरीकों में खेती की लागत कम करना ताकि किसानों को प्रति का क्षेत्र में अधिक से अधिक आय की प्राप्ति हो सके I
- विपणन के लिए एवं राष्ट्रीय बाजार से सीधे जुड़कर किसानों को उद्यमी बनाना।
Benefit of Zero Budget Natural Farming | शून्य बजट प्राकृतिक खेती के लिए लाभ
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- किसानों को खेती के सामान खरीदने के लिए 50% की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- 200 लीटर का एक बड़ा ड्रम, 50 लीटर क्षमता का एक छोटा ड्रम, 20 लीटर क्षमता की एक बाल्टी, एक जग, फिल्टर, पानी स्प्रे, स्प्रेयर, ट्राइकोडर्मा, गाय- मूत्र, गोबर आदि सामग्री एवं जैविक गीली घास सामग्री जैसे पेड़ों की पत्तियाँ, खरपतवार बिस्तर, बाजरा-ज्वार आदि की पत्तियाँ, मूँगफली के छिलके तथा खेत में पंक्तियों के बीच नमी संरक्षण हेतु उपलब्ध कुल लागत का 50% अन्य अपशिष्ट पदार्थ या अधिकतम 600/- रूपये प्रति किसान को डीबीटी द्वारा अनुदान दिया जायेगा।
- इसके लिए किसानों को अधिक से अधिक सब्सिडी प्रदान की जाती है I
- इस योजना के अंतर्गत 50% तक अन्य अपशिष्ट पदार्थ या अधिकतम 600 रुपए प्रति किसान को डीबीटी के रूप में अनुदान दिया जाता है जिससे कि वह अपनी खेती सुचारू रूप से कर सके I
- इसके लिए 200 लीटर का एक बड़ा ड्रम होता है और दो छोटे ड्रम होते हैं उसमें फिल्टर पानी स्प्रे गोबर मूत्र इन सभी देवी गली घास सामग्री जैसे पेड़ों की पत्तियां खरपतवार इनको रखा जाता है I
- प्रशिक्षण एवं कृषक भ्रमण।
- ग्राम पंचायत स्तरीय प्रशिक्षण।
Eligibility of Zero Budget Natural Farming 2024 | शून्य बजट प्राकृतिक खेती के लिए योग्यता
- योजना के लिए ऐसे इच्छुक किसानों का चयन किया जाना चाहिए जिनकी प्राकृतिक खेती में विशेष रुचि हो।
- प्रत्येक किसान के पास कम से कम एक एकड़ भूमि का स्वामित्व या पारिवारिक खाताधारक होना चाहिए।
- इच्छुक किसान जहाँ तक संभव हो एक ही गाँव, पड़ोसी गाँव या अलग-अलग गाँव से हो सकते हैं।
- इच्छुक किसानों का चयन क्षेत्रीय सहायक कृषि अधिकारी/कृषि पर्यवेक्षक द्वारा किया जाएगा।
- प्राकृतिक खेती में बागवानी फसलों और पशुपालन को भी शामिल किया जाना चाहिए। किसानों के चयन के लिए एससी, एसटी, बीपीएल, लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- जितना संभव हो उतना. प्राकृतिक खेती के लिए 35 वर्ष तक के युवाओं को शामिल किया जाए ताकि उनकी क्षमता बढ़ सके।
- प्राकृतिक खेती के लिए इनपुट यूनिट स्थापित करने के लिए संबंधित किसान को ड्रम, बाल्टी, जग आदि आवश्यक सामग्री अनुदान पर दी जाएगी। परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत चयनित किसानों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
- इस योजना के लिए राजस्थान का मूल निवासी होना अनिवार्य है I
- इसके लिए उसके पास खुद की भूमि तथा सभी दिए गए आवश्यक दस्तावेज होना अनिवार्य I
Document Zero Budget Natural Farming | प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पैन कार्ड
How to Apply for Zero Budget Natural Farming | प्राकृतिक खेती के लिए आवेदन कैसे करें?
- आपको सबसे पहले मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक किसानों को अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र में जाना होगा।
- इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको यहां से आवेदन पत्र ले लेना है I
- इसके बाद में इस आवेदन पत्र में पूछी गई सभी आवश्यक जानकारी को इसमें ध्यानपूर्वक दर्ज कर देनी है I
- इसमें मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को इसमें सहलग्न कर देना है I
- अंत में आवेदन पत्र को कृषि विभाग में जाकर इसको जमा करवा देना है I
FAQs
शून्य बजट प्राकृतिक खेती मैं आवेदन कैसे करें?
1. Applicant Farmers Have To Go To The Agriculture Department Office Or Krishi Vigyan Kendra Of Your District To Get The Benefit Of Mukhyamantri Swavalamban Yojana. 2. Get The Application Form To Apply Under This Scheme. 3. Enter All The Necessary Information Asked In The Form Carefully. 4. Attach The Required Documents With The Application Form. 5. Submit The Application Form To The Same Agriculture Department
शून्य बजट प्राकृतिक खेती क्या है?
The Rajasthan State government started a scheme “Zero Budget Natual Farming” in 2020-21 to promote natural farming.
शून्य बजट प्राकृतिक खेती कौन लोग आवेदन कर सकते हैं?
There Are No Financial Eligibility Criteria.
शून्य बजट प्राकृतिक खेती किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता है?
1. Aadhar Card. 2. Bank Passbook. 3. Land Proof.
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