Mahatma Gandhi English Medium School:- राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बदलकर हिंदी मIध्यम करने की तैयारी चल रही है I एक प्रोफॉर्मा भेजकर लोगों से राय भी मांगी गई है लेकिन स्थिति यह है कि कई स्कूलों में प्रवेश के लिए 1 सीट पर 16 से 34 बच्चे वेटिंग पर है, अभिभावकों को बच्चों की प्रवेश के लिए सिफारिश, जुगाड़ लगवानी पड़ रही है I प्रदेश में कुल 3737 अंग्रेजी मीडियम स्कूल है उनमें से 1463 प्रक्रियादिन है I इनमें खास कर शहरी क्षेत्र की एक चौथाई स्कूल में प्रवेश के लिए बहुत मारामारी चल रही है I
Mahatma Gandhi Govt School में आवेदन 12 May तक होंगे ,14 मई को निकलेगी लॉटरी
दोस्तों, एक उदाहरण के तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सांगानेर विधानसभा के मानसरोवर स्थित स्कूल में ही एडमिशन के लिए 1 सीट के लिए 34 बच्चों में मुकाबला हो रहा है I यहां टोटल 54 सीट है और आवेदन 1880 बच्चों के अब तक आ चुके हैं I ऐसे ही गांधीनगर स्थित स्कूल में टोटल 25 सीटों पर 220 आवेदन आ चुके हैं I दो दिन में अन्य 100 आवेदन और आने की उम्मीद जताई है I
इसी स्कूल में IAS रविंद्र गोस्वामी ने 2 साल पहले अपनी बेटी का एडमिशन कराया था I हालांकि सभी अंग्रेजी स्कूलों में ऐसा नहीं है I यह जिन स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा नहीं है, अन्यथा सरकार ने टीचर जैसी बेसिक सुविधा नहीं दिए उन स्कूलों में पूरी Seat तक नहीं भर पा रही है I
मुख्य सवाल यह है भी है की अंग्रेजी स्कूलों का रिव्यू अब क्यों हो रहा है जब नए शैक्षणिक सत्र की करीब 3.50 करोड़ किताबें छापी जा चुकी है I इनमें 40 लाख अंग्रेजी स्कूलों की है किताबों का वितरण भी बहुत सी स्कूलों में शुरू हो चुका है I या तो सरकार को यह सवाल अब खड़ा नहीं करना चाहिए था क्योंकि अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदल दिया जाएगा तो जो बच्चे अब तक अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर रहे थे वह अब हिंदी मीडियम में कैसे पढ़ सकते हैं I
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जहां IAS के बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं, वहां एक सीट पर सबसे बड़ी मारामारी
- जयपुर में मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में प्रवेश के लिए माता-पिता लगातार भाग दौड़ करते नजर आ रहे हैं I इन स्कूल में 54 सीटों के लिए 1880 आवेदन अब तक भरे जा चुके हैं I कहीं अभिभावक तो भारी राजनीतिक अप्रोच तक लगवा रहे हैं, ताकि उनके बच्चों का एडमिशन इन सरकारी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में हो सके I
2. जयपुर के ही गांधीनगर स्थित अंग्रेजी स्कूल की सभी 670 टोटल MGGS हैं, इनके बावजूद 55 Seat और बढ़ाई गई फिर भी 220 आवेदन और अधिक आ चुके हैं I 12 May की अंतिम आंकड़ों के अनुसार 350 आवेदन पIर हो गए हैं I स्कूल प्रशासन कहता है कि यहां 500 seat भी कम पड़ेगी, क्योंकि इन स्कूलों में बच्चों के आवेदन लगातार बढ़ रहे हैं I
3. धौलपुर के शेरपुर स्थित स्कूल में पांचवी तक 287 बच्चे पढ़ रहे हैं प्राचार्य राजेश शर्मा बताते हैं कि सरकार को इन स्कूलों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर देने पर ध्यान देना चाहिए ने की रिव्यू या नेगेटिव फैसले लेने पर ध्यान दे I वे वे सरकार के इस अंग्रेजी माध्यम से हिंदी माध्यम में स्कूलों को बदलने के रिव्यु के बिल्कुल विपरीत है I
4. उदयपुर धान मंडी के स्कूल में पिछले शैक्षणिक क्षेत्र के दौरान 59 सीटों पर 1000 से ज्यादा आवेदन आए थे I और नए शैक्षणिक सत्र में भी कड़ा मुकाबला हुआ है I स्कूल के प्राचार्य के अनुसार प्रवेश के लिए 25 से 30 अभिभावक हर दिन चक्कर लगा रहे हैं और बढ़ाई गई भी सीट कम पड़ रही है I इन स्कूलों के प्राचार्य तथा अध्यापक भी सरकार की इस फैसले के बिल्कुल विपरीत है I
जहां व्यवस्थाएं नहीं वहां खाली सीट
राज्य के वे सभी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय जहां सुचारू रूप से स्कूलों को चलाने के लिए व्यवस्था ही नहीं है शिक्षक उपलब्ध नहीं है वहां इन स्कूलों में सीट खाली पड़ी है I अकेले जयपुर जिले की बात की जाए तो, आंधी स्थित स्कूल में नर्सरी में टोटल 25 सीट हैं उनमें से 13 खाली रह गई I माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान बोले कि सरकार सुविधा माया करने की पर ध्यान दें तो स्थिति बदल सकती है लेकिन लगातार सरकार के द्वारा इन सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने के रिव्यू और नेगेटिव फेसलों के कारण स्थिति और गंभीर होती दिखाई पड़ रही है I
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जानिए क्या है सर्वे करने के मुख्य बिंदु
शिक्षा विभाग ने अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय में सर्वे के लिए जिले में 15 न्यूनतम विद्यार्थी और 10 अधिकतम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं I सवालों में अभिभावकों, SSMC, SDMC, जनप्रतिनिधियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षक, संस्था प्रधान अधिकारियों से अलग-अलग सवाल पूछे हैं I इनमें शिक्षण व्यवस्था, शैक्षिक स्तर, स्कूल को बेहतर बनाने, के स्टाफ द्वारा अंग्रेजी माध्यम में श्रेष्ठ शिक्षक करवाया जा रहा है? क्या अंग्रेजी माध्यम विद्यालय होने पर नामांकन में गिरावट दर्ज की है? सहित अन्य संबंधित सवाल पूछे गए हैं I
जानिए स्कूलों के माध्यम परिवर्तन के कारण
- प्रारंभिक कक्षाओं में Seat कम होने से अभिभावकों को उनके बच्चों को एडमिशन में परेशानी आती हैं I
- स्कूल में स्टाफ की कमी है I
- क्षेत्र की आबादी के अनुसार अंग्रेजी माध्यम में नर्सरी से एलजी कग में 25 और कक्षा 1 से 5वी तक प्रत्येक कक्षा में 30 बच्चों का ही एडमिशन ले सकते हैं, जबकि इनकी संख्या अधिक होती है अभिभावक इसे लेकर विरोध करते हैं I
- भाई बहन का एक साथ छोटी कक्षा में एडमिशन नहीं हो पता है I
- स्कूल में कमरों की कमी है I
- अंग्रेजी माध्यम को हिंदी मीडियम वाले छात्र-छात्राएं पूरा नहीं कर पाते हैं I
- SDMC के सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र में उनके पुराने मीडियम में बदलाव का सर्वसंपत्ति से निर्णय लिया है I
अधिक नामांकन वाले Mahatma Gandhi English Medium School
स्कूल | नामांकन | कक्षा कक्ष |
सांगोद | 258 | 10 |
RAC कॉलोनी | 271 | 8 |
मंडाना | 288 | 9 |
सुल्तानपुर | 297 | 6 |
इटावा | 301 | 7 |
बोरखेड़ा | 305 | 8 |
खैराबाद | 310 | 12 |
कैथून | 423 | 10 |
वोकेशनल नयापुरा | 484 | 16 |
मल्टीपरपज | 648 | 18 |
कम नामांकन वाले Mahatma Gandhi English Medium School
स्कूल | नामांकन | कक्षा कक्ष |
टाकर वाड़ा | 23 | 4 |
पाटन पोल | 24 | 6 |
लोहावट | 28 | 5 |
डडवाड़ा | 38 | 3 |
गणेशगंज | 44 | 5 |
गुमानपुरा | 48 | 4 |
अयानी | 50 | 3 |
खिमच | 54 | 6 |
लाखसनिजा | 54 | 5 |
तालाब इटावा | 55 | 3 |
मंडवरा | 55 | 6 |
इटावा प्रथम | 56 | 5 |
महात्मा गांधी कॉलोनी | 60 | 3 |
झाड़ग्राम | 61 | 4 |
भोरां | 68 | 7 |
पुन: सामान्य विद्यालय में परिवर्तित होने वाले महात्मा गांधी सरकारी विद्यालय
शिक्षा विभाग में इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी में परिवर्तित वाले स्कूलों में सातलखेड़ी, खिमच, मोड़क गांव, डडवाड़ा, इटावा, गुमानपुरा, बंबुलिया, काला तालाब, दिवारी चंबल लोहावट, गणेशगंज, करवाद ,अयानी, झाड़गांव, भोरां , टाकर वाड़ा, बुधादीप, रोजड़ी, रंग तलाब, पाटन पोल, भाटापारा, गावड़ी सहित कुल 26 स्कूल शामिल है I
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द उनकी समीक्षा करें I वस्तु स्थिति की जांच करें I अंग्रेजी माध्यम विद्यालय से छात्रों को क्या लाभ हो रहा है क्या नुकसान हो रहा है? इन मैं तो संसाधन पूरे और स्टाफ पूरा है I बालिकाओं का नामांकन कम हो गया है I इन सभी वस्तु स्थितियों को जIचने के आदेश दिए गए हैं I विभाग इसकी जांच कर रहा है I जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार इस नतीजे पर पहुंचेगी की इन विद्यालयों को पुन: नॉर्मल विद्यालय में परिवर्तित किया जाएगा या नहीं I
जानिए किस जिले में कितनी स्कूल होगी परिवर्तित
जिला | स्कूल |
कोटा | 26 |
Bara | 29 |
झालावाड़ | 02 |
बूंदी | 02 |
आप बताएं-सरकारी अंग्रेजी स्कूल होने चाहिए या नहीं?
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम सरकारी स्कूलों को फिर से हिंदी माध्यम में बदलने के प्रस्ताव मांगे हैं I विभाग ने अधिकारियों से इन स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की संख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर, पढ़ाई के वर्तमान और पूर्व के स्तर का बुरा मांगा है I इन्हें फिर से हिंदी मध्यम कन्या अंग्रेजी माध्यम में ही चलने संबंधित प्रमाण पत्र भी मांगे हैं I
समीक्षा के बाद इस मॉडल का भविष्य तय होगा क्योंकि सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रदेश के बच्चों के लिए है इसलिए छात्रों अभिभावकों के सुझाव सबसे ज्यादा जरूरी है I इससे जुड़े सवालों पर आप सभी पाठकों से रिक्वेस्ट है कि आप नीचे दिए गए क्यूआर कोड या फोन नंबर पर मिस कॉल देकर अपना सुझाव जरूर दें-
Missed Call On – 91900 00093
FAQs
सरकारी महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद हुई तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा?
आज 7:15 लाख बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ रहे हैं 3737 स्कूल है I उनमें लॉटरी से एडमिशन हो रहे है I एक-एक सीट पर औसतन 25 बच्चों की वेटिंग चल रही है I वर्तमान में 48000 से ज्यादा आवेदन आए हैं I एडमिशन के लिए इन स्कूलों के लिए 40 लाख किताबें भी छापी जा चुकी है, उनकी हिम्मत है जो सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ रहे 7:15 लाख बच्चों को प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूलों में फ्री में पढ़ा देंगे I और टीचर्स ले लो I कौन मना कर रहा है यह राज्य के ट्रस्टी है, मालिक थोड़ी ही है I
क्या कांग्रेस सरकार के समय खोले गए इंग्लिश मीडियम स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है?
यह सवाल पर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद से डोटासरा जी का कहना है कि यदि इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, तो जल्द से जल्द इन्हें ठीक करा जाए I सरकार तो बीजेपी की बन चुकी है I अब हमारा कर्तव्य नहीं है I कि हम आपकी सरकार के समय अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को सही करें, कर्मियों को पूरा करें, टीचरों को लगे I यह काम तो अब बीजेपी सरकार का ही है इसलिए उन्होंने को करना चाहिए I
क्या महात्मा गांधी सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में टीचर है ही नहीं?
पिछली सरकार कांग्रेस के अधिकार के दौरान सरकार द्वारा 10000 सरकारी टीचरों की भर्ती करवाई गई थी और इंटरव्यू के आधार पर सेकंड ग्रेड टीचर लगवाए गए थे I लिखित परीक्षा लेकर थर्ड ग्रेड के टीचर्स को इंग्लिश मीडियम के लिए भर्ती किया गया था तथा लिखित टेस्ट लेकर बेहतर किया गया था कि इंग्लिश मीडियम में आप पढ़ सकते हैं या नहीं उसके आधार पर ही 3737 स्कूलों का स्ट्रक्चर तैयार किया गया था I
सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बंद करने या खुला रहने के लिए सरकार ने क्या प्रस्ताव मांगे हैं?
राज्य में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने के लिए बीजेपी सरकार के द्वारा प्रस्ताव मांगे गई है तथा शिक्षक को अभिभावकों को छात्र-छात्राओं तथा स्कूल अधिकारियों द्वारा राय मांगी जा रही है कि इन स्कूलों को बंद किया जाए या फिर खुला रहने दिया जाए I यह सभी सरकारी स्कूल है कांग्रेस सरकार के द्वारा पिछले अधिकार के दौरान खोली गई थी I
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