बच्चों में सर्वाइकल पेन (Cervical Pain) बढ़ा रही मोबाइल की लत ,2028 तक बन जाएगी महामारी,सर्वाइकल पेन के लक्षण बचाव व रोकथाम के उपाय जाने

Cervical Pain

Cervical Pain :- देश के तीन सरकारी डॉक्टरों की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन बच्चों को सर्वाइकल पेन जैसी बीमारी दे रहा है मोबाइल एडिक्शन से बच्चों के स्वभाव में बदलाव आ रहा है तथा वह बीमारियों की चपेट में लगातार फस रहे हैं I हॉस्पिटलों में मोबाइल की लत से बीमार बच्चों की संख्या लगातार बढ़ने से विशेषज्ञ 2028 की संभावित महामारी मानने लग गए हैं I बच्चों में मोबाइल एडिक्शन को लेकर तीन सरकारी चिकित्सकों ने इस पर रिसर्च का रिपोर्ट राज्य सरकार को पेश की है I शोध के अनुसार बीडीके अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जितेंद्र भामभू , मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर कपूरथला और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर अनीता चौधरी ने यह मिलकर रिपोर्ट बनाई है I

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उनके संयुक्त रिसर्च के अनुसार यह सामने आया कि 18 महीने से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल फोन देने से उनमें लत सबसे जल्दी लगती है और इसे दूर करना काफी मुश्किल होता है I इन्होंने दावा किया है कि देश में 2028 तक मोबाइल एडिक्शन महामारी का रूप ले लेगा इसलिए इन बच्चों के लिए फोन का इस्तेमाल वीडियो कॉल तक सीमित रखना चाहिए I

Cervical Pain

Table of Contents

सर्वाइकल पेन क्या होता है? | What is Cervical Pain?

सर्वाइकल पेन से गर्दन और कंधे में दर्द जो कम-ज़्यादा हो रहा हो, गर्दन से लेकर बांह तक बहुत तेज़ दुखे या बिजली के झटके की तरह महसूस हो तो यह सर्वाइकल पेन के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, या फिर यह आम वजह भी हो सकती हैं I यह ज़रूरी नहीं है कि गर्दन में दर्द किसी बीमारी की वजह से ही हो, लंबे समय तक एक ही स्थिति में दबाव पड़ना (लगातार ऊपर देखने या नीचे देखने से), गलत स्थिति में सोना, तनाव होना या गले में भारी हार पहनना भी इसकी वजह हो सकती है I

Cervical Pain

इन दो उदाहरण से समझिए की मोबाइल की लत ने बच्चों को कैसे जकड़ रखा है, वह खेलने बाहर तक नहीं जाते

उदाहरण-1

किशोरपुरा की विमल का 5 साल का बेटा कार्तिक मोबाइल एडिक्ट हो गया, पहले बच्चे को चुप करने के लिए कार्टून चला कर देते थे अब उसे आदत हो गई वह सारे दिन मोबाइल से चिपका रहता है, मोबाइल नहीं देने पर हाथ- पैर पटकने और रोने लग जाता है इसके बाद मोबाइल देने पर ही वह चुप होता है घर में खेलना उसने बिल्कुल ही बंद कर दिया है और वह बाहर जाना भी नहीं चाहता है I इन लक्षणों को देखते हुए विमला जी का 5 साल का बेटा मोबाइल एडिक्शन की बीमारी से ग्रसित हुआ दिखाई पड़ता है I

उदाहरण -2

गिलोय की काव्य अभी 6 साल की है और दिखने में 3 साल की सी लगती है लेकिन वह पूरे दिन मोबाइल से चिपकी रहती है और मोबाइल नहीं देने पर रोने लग जाती है I पूरे दिन मोबाइल से चिपकी रहने के कारण बाथरूम जाने पर भी मोबाइल लेकर जाती है I इस आदत के कारण से उसका शारीरिक विकास प्रभावित हो गया सारे दिन बिस्तर पर पड़े रहने से घुटनों में दर्द के साथ हाथों में झनझनाहट होने की परेशानी शुरू हो गई है I

मोबाइल एडिक्शन के लक्षण | Symptoms of Mobile Addiction

आजकल बच्चों में मोबाइल एडिक्शन एक बहुत ही आम चीज हो गई है I बच्चे लगातार घंटे तक लेट कर और बैठकर मोबाइल देखते रहते हैं और वह मोबाइल एडिक्शन का शिकार हो जाते हैं ऐसे में मोबाइल एडिक्शन बीमारी के लक्षणों को पहचानने के लिए निम्न गतिविधियों को देखकर जिस बीमारी का पता लगाया जा सकता है-

  • भाषा में कठिनाई और संवाद में परेशानी होना I
  • एकाग्रता की कमी और चिड़चिड़ापन आ जाना I
  • प्रत्येक काम में हड़बड़ाहट करना और कार्य क्षमता में देरी करना I
  • नींद की परेशानी होना, कम उम्र में पीठ व गर्दन में दर्द शुरू हो जाना I
  • शारीरिक विकास प्रभावित हो जाना(शरीर से कमजोर होना, वजन में बढ़ाना, ऊंचाई ने बढ़ाना आदि) I

मोबाइल की लत को कैसे दूर कर सकते हैं? | How can Overcome From Mobile Addiction?

मोबाइल की लत से ग्रसित बच्चों को मोबाइल एडिक्शन की बीमारी से दूर करने के लिए निम्न तरीकों को अपनाकर उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सकता है जैसे-

  • बच्चों को एकाएक मोबाइल से दूर ना करें I
  • बच्चों का हर दिन स्क्रीन टाइम घटते रहे I
  • उसे पूरे दिन घर में न रख कर, बाहर लेकर जाएं I
  • खाना खाते समय मोबाइल का प्रयोग न करने दें I
  • बच्चों के माता-पिता खुद भी घर में मोबाइल का काम से कम उपयोग करें और जरूरत पड़ने पर बच्चों से दूर जाकर मोबाइल का इस्तेमाल करें I
  • स्कूल के दिनों में 60 मिनट और अन्य छुट्टियों के दिनों में 120 मिनट से ज्यादा मोबाइल का उपयोग न करने दें I
  • बच्चों को लेट कर मोबाइल का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करने देना है I

डॉ कपूर थलौर, मनोरोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट क्या कहती है? | What does the Psychiatrist’s Report Say About Mobile Addiction?

डॉक्टर कपूरथला , मनोरोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार 6 से 15 साल तक की उम्र के बच्चों का स्क्रीन टाइम छुट्टी के दिन अधिकतम 2 घंटे व स्कूल के दिन अधिकतम एक घंटा कर देना चाहिए I 2 घंटे से अधिक का स्क्रीन टाइम सभी के लिए हानिकारक होता है, इसलिए जब भी मोबाइल का प्रयोग करें स्क्रीन टाइमर का इस्तेमाल जरूर करें I तथा इसके दुष्परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं I

आजकल अस्पतालों में आंखों से पानी आना, सुजान, दर्द होना, छोटी उम्र में चश्मा लग जाना, लगातार लंबे समय तक सर दर्द होना, और दिमाग में सर्वाइकल पेन के मामले लगातार आ रहे हैं , जिनमें 3 से 15 साल के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है I

डॉक्टर जितेंद्र भामभू, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट | What does the Senior Pediatrician’s Report Say About Mobile Addiction?

डॉक्टर जितेंद्र , वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों को मनोरंजन के लिए परिजन/पेरेंट्स मोबाइल फोन दे रहे हैं I यह बच्चों को मोबाइल फोन में शॉर्ट वीडियो तथा कार्टून दिखाते हैं I लेकिन यह मोबाइल एडिक्शन के रूप में उभर आता है, जो उनको पढ़ाई, खेलकूद और सर्जनात्मक गतिविधियों से दूर कर हिंसक बना देता है I बच्चों से मोबाइल फोन लेने पर उनका हाथ पैर पटकना एक कोने में जाकर बैठ जाना और चीजों को उठाकर फेंकना जैसे असामान्य व्यवहार उनका लगातार हिंसा की और धकेलता है I

डॉ अनीता चौधरी, आयुर्वेद विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार | According to the Report of Ayurveda Expert

डॉक्टर अनीता चौधरी, आयुर्वेद विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग के कारण 8 से 15 साल के बच्चों को सर्वाइकल की समस्या लगातार दिन-ब-दिन बढ़ती हुई सामने आ रही है I देश के केवल हमारे हॉस्पिटल में पिछले 1 साल में 8 से 15 साल तक के 60 से ज्यादा बच्चे इस तरह की परेशानी को लेकर आ चुके हैं, अगर इन बच्चों की संख्या पूरे देश में सभी हॉस्पिटलों में देखी जाए तो यह लाखों में हो सकती है I

सोफे, पलंग आदि पर लेटे हुए और कुर्सी पर घंटे बैठकर एक तरफ NecK में एक हाथ से मोबाइल पकड़ कर चलIने से बच्चों में सर्वाइकल पेन की समस्या बढ़ती हुई सामने आ रही है, और यह बच्चे लगातार सर्वाइकल पेन की बीमारी से ग्रसित होते जा रहे हैं I यह बीमारी बच्चों में नहीं बल्कि युवाओं की आंखों और बॉडी पर भी व्यापक असर डाल रही है I जिससे बच्चों तथा युवाओं के शरीर का शारीरिक विकास सामान्य रूप से नहीं हो पा रहा है जिसके कारण वह बाजारों में उपलब्ध अन्य बॉडी बनाने वाली चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं I

सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. सर्वाइकल पेन की वजह से दर्द कहां-कहां होता है?

कभी-कभी यह गर्दन में ही दर्द होता है और कभी-कभी यह दर्द बांहों, सिर या पीठ तक फैल जाता है। आपको अपनी उंगलियों में झुनझुनी और सुन्नता, गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द या चक्कर आना और मिचली महसूस हो सकती है।

2. सर्वाइकल पेन के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं?

सर्वाइकल पेन के लक्षण –
सिर में दर्द,
गर्दन और कंधों में अकड़न होना,
हाथ, पैर मे कमजोरी होना या उनका सुन्न हो जाना,
बाजुओं मे कमजोरी और दर्द होना,
लिखने और टाइप करने में परेशानी होना,
गर्दन के दोनों साइड में दर्द होना,
कंधों का दर्द पीठ के ऊपरी भाग तक फैलना,
हाथ पैर में झुनझुनी और सुई चुभने जैसी सेंसेशन महसूस करना I

3. सर्वाइकल पेन का पता कैसे चलता है?

सरवाइकल आपकी गर्दन में सात खड़ी हड्डियों (कशेरुकाओं) को संदर्भित करता है। स्पोंडिलोसिस तब होता है जब आपकी रीढ़ के कुछ हिस्से घिसने लगते हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कभी-कभी इसे गर्दन का ऑस्टियोआर्थराइटिस या गर्दन का गठिया कहते हैं। यदि आपको सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस है, तो आपकी गर्दन में दर्द, चोट या अकड़न महसूस हो सकती है।

4. सर्वाइकल दर्द कितने समय तक रहता है?

मांसपेशियों में तनाव या खिंचाव के कारण होने वाला गर्दन का दर्द आमतौर पर कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। गर्दन का दर्द जो कई हफ्तों से अधिक समय तक जारी रहता है, अक्सर व्यायाम, स्ट्रेचिंग, शारीरिक उपचार और मालिश के बाद प्रतिक्रिया करता है। कभी-कभी, आपको गर्दन के दर्द से राहत पाने के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन या सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है।

5. सर्वाइकल दर्द होने पर कौन सी दवाई लेनी चाहिए?

इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी, अन्य), नेप्रोक्सन सोडियम (एलेव) या एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल, अन्य) अक्सर सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से जुड़े दर्द को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त होते हैं।

6. सर्वाइकल पेन से बचने के उपाय बताइए?

सर्वाइकल पेन से बचाव के उपाय
आप सही तरीके से बैठें।,
तकिया लगाना छोड़ दें।,
मुलायम और मोटे गद्दे पर न सोएं।,
चारपाई के बजाय तख्त पर सोएं।,
भोजन में दूध, दही का इस्तेमाल करें।,
फैटी डाइट न लें।,
फास्ट फूड बंद करें।,
हाइट के अनुसार अपने वजन को रखें।

7. सर्वाइकल दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा कैसे पाएं?

सर्वाइकल पेन से छुटकारा पाने के लिए आप अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें-एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द और सूजन को दूर करने में प्रभावी होते हैं। इसके लिए आप अदरक के तेल को कैरियर ऑयल के साथ मिक्स करें। फिर इस मिश्रण से प्रभावित स्थान की मालिश करें।

8. सर्वाइकल पेन होने पर कौन से तेल की मालिश करनी चाहिए?

लहसुन और सरसों के तेल के इस्तेमाल से सर्वाइकल के दर्द को दूर किया जा सकता हैI

9. सर्वाइकल पेन को दूर करने के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा होता है?

कुछ उदाहरणों में शामिल हैं: फ्लेवोनोइड्स – ये रासायनिक यौगिक, जो कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते हैं, सेब , शतावरी, काली बीन्स, ब्रोकोली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, क्रैनबेरी, लहसुन, सलाद, लीमा बीन्स, प्याज, सोया और पालक में पाए जाते हैं।

10. शरीर में कौन सी चीज की कमी से गर्दन और कंधे में दर्द होता है?

विटामिन डी की कमी और अपर्याप्तता से गर्दन और पीठ में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है या बिगड़ सकती है।

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