Animal Husbandry Haryana 2024 | पशुपालन विभाग हरियाणा में पशुओं का रखरखाव प्रक्रिया

Animal Husbandry Haryana 2024 | पशुपालन विभाग हरियाणा में पशुओं का रखरखाव प्रक्रिया

Animal Husbandry Haryana 2024 :- पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि पशुओं में नई तुड़ी जनित कई प्रकार की सामने आ रही है इसके लिए कोई वैज्ञानिकों का मानना है कि आमतौर पर गेहूं की कटाई के बाद तुड़ी के इस्तेमाल से पशु के पाचन से संबंधित कोई समस्याएं जैसे दस्त लगना, कब्ज रहना इस प्रकार की समस्या देखने को मिल रही है I

WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

MGNREGA Pashu Shed Yojana 2024 | पशुओं का शेड बनाने के लिए मिलेगी 1,60,000 रु की सहायता, ऐसे करें आवेदन

  • जुगाली करने वाले पशुओं का पाचन तंत्र मैं पेट में चार हिस्से होते हैं रोमन , रेटिकुलम, ओबेसम, अबोमेसम I
  • जो गाली करने वाले पशुओं में आहार का पाचन सूक्ष्म जीवों द्वारा फर्मेंटेशन के द्वारा किया जाता है I
  • आहार में एकदम बदलाव में सूक्ष्मजीवों का रोमन में संतुलन बिगड़ जाता है और पशुओं में पाचन संबंधित अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है I

नई तुड़ी के बचाव (Monthly Animal Husbandry)

  • नई तुड़ी थोड़ी को एकदम से पशु आहार में सम्मिलित ना करें अर्थात उसे धीरे-धीरे 7 से 10 दिनों में मात्रा को थोड़ा-थोड़ा करके बढ़ाएं I
  • पुरानी तुड़ी को नहीं थोड़ी आने तक कुछ मात्रा में बचा कर रखें जिससे की नई तुड़ी आने पर इसके साथ इसको मिला दे I
  • शुरुआत में पुरानी चूड़ी की मात्रा अधिक रखें और धीरे-धीरे करके इसमें नई तुड़ी की मात्रा बढ़ते जाएंगे पुरानी तुड़ी की मात्रा को कम करते जाए I
  • नई तुड़ी तो पहले कुछ घंटे के लिए इसको भी गौर कर रख देना जिससे कि यह अधिक बचाने में योग्य होगी जिसे पाचन में कम समय लगता है I

PM Surya Ghar Yojana 2024 : सरकार दे रही, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 1 करोड़ परिवारों को मिलेगा सीधा फायदा

  • पशुपालकों के द्वारा अपने पशुओं को सेंधा नमक, हरद इतिहास की सलाह है मैं खिला सकते हैं इसके साथ ही पशु का पाचन को बढ़ाने के लिए प्रोबायोटिक जैसी एस्ट कलचेर आदि की चाट देखकर उनके स्वास्थ्य को बताया जा सकता है I
  • नई तुड़ी लेने पर पहले यह है जांच लें कि यह है सही है या नहीं सही होने पर ही इसको खरीदें I

नई तुड़ी की वजह से पशुओं में कब्ज लगने पर क्या करें?

  • पशु चिकित्सा की सलाह से पशु को कब्ज खोलने के लिए अरंडी का तेल पैराफिन या अलसी के तेल को आप पिला सकते हैं I
  • बरमुंडा के फल और जड़ों का पाउडर रोजाना 20 ग्राम प्रति 100 किलो शरीर के वजन के अनुसार पशुओं को खिला सकते हैं जिससे कि पशुओं के वजन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा अर्थात कब्ज की समस्या से आराम मिल सकता है I
  • अफIरा हो तो 200 mLअरंडी के तेल को गर्म पानी के साथ अच्छे से मिलकर पशु को हर 4 से 6 घंटे के अंतराल पर देने से उसके कब्ज की समस्या दूर हो सकती है I
  • पशुओं में दस्त लगने की स्थिति में नीम अनार अमरूद के पत्ते सूखी अदरक व गुड़ के साथ चिकित्सा परामर्श दे सकते हैं जिससे कि उन्हें इस समस्या से राहत मिलेगी I

जहरीली दवा स्टोर से ना ले?

कृषि आधुनिकीकरण में गेहूं की कटाई मशीनों के द्वारा होने वाली थोड़ी में कई प्रकार के शूल मिट्टी की मात्रा अधिक होती है जिससे कि थोड़ी को छान लेना अनिवार्य होता है तथा इसमें कोई समस्या आने पर स्टोर से जाकर दवाई नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह लेने से पशुओं में और अधिक बीमारी पैदा हो जाती है इसके लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सा के पास जाकर उसे परामर्श लेने के बाद ही अपने पशु को दवा देने चाहिए I

UP Khet Talab Yojana 2024 | यूपी खेत तालाब योजना क्या है? जाने आवेदन प्रक्रिया

पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हरियाणा के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि आजकल पशुओं में बहुत ही पाचन जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है वह कई प्रकार की समस्या हो सकती है अर्थात इसमें मुख्य तथ्य नई तुड़ी का बताया जा रहा है जिससे कि आजकल जो नई तुड़ी आती है उसमें मिलावट आती है तथा गेहूं की कटाई के बाद में इन्हें अच्छे से साफ नहीं किया जाता है जिसके लिए उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है I

May महीने में पशु संबंधित कार्य

  • ग्रीष्मकल में पशु आहार दिन के ठंडे समय में यथार्थ इन्हें आहार के इन्हें आहार सुबह-शाम के समय देना अधिक उचित है I
  • भैंस को काले रंग में सीमित पसीने की ग्रंथियां होने से गर्मी का तनाव अधिक होता है I
  • भैंस को दिन में 2 से 3 बार नहलाना चाहिए स्वच्छ एवं ठंडा पानी हो सके तो 24 घंटे उपलब्ध रखें जिससे कि उन्हें गर्मी से राहत मिली I
  • इस महीने में गर्मी अधिक होने से उन्हें कूलर व पंखा जैसे सुविधा प्रदान की जाए जिसे उन्हें ठंड मिल सके I

FAQs

नई तुड़ी के क्या नुकसान है?

यह गेहूं की बनी होती है अर्थात इस कुछ समय पड़ी रहने के बाद में देना चाहिए इसे निकलते ही देने से शरीर में अनेक प्रकार की समस्याएं होती है अर्थात पशुओं को कई बीमारी का सामना करना पड़ता है I

तुड़ी किसकी बनी होती है?

यह गेहूं की बनी होती है जो पाचन की समस्या अधिक पैदा करती है यह दुधारू पशुओं के लिए बहुत ही नुकसानदायक होती है I

नई तुड़ी कब देनी चाहिए?

इसे पुरानी तुड़ी में मिला कर देना चाहिए क्योंकि इस अकेली देने से पशुओं में पाचन की समस्या पैदा हो जाती है जो बहुत ही नुकसानदायक है I

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top